Tuesday 10 July 2012

एक कतरा लहू का मेरे बस देश के काम आये |

नहीं चाहता मखमल के गद्दे में मुझको आराम आये, नहीं चाहता व्यापार में मेरा कोई बड़ा दाम आये, चाहत मेरी बड़ी नहीं बस छोटी सी ही है, एक कतरा लहू का मेरे बस देश के काम आये |

नहीं चाहता लाखों की लौटरी कोई मेरे नाम आये, नहीं चाहता खुशियों भरा बहुत बड़ा कोई पैगाम आये, ख्वाहिश मेरी ज्यादा नहीं बस थोड़ी सी ही है, एक कतरा लहू का मेरे बस देश के काम आये |
नहीं चाहता मधुशाला में मेरे लिए अच्छा जाम आये, नहीं चाहता फायदा भरा बहुत बड़ा कोई काम आये, सपने मेरे अनेक नहीं बस एक ही तो है, एक कतरा लहू का मेरे बस देश के काम आये |

नहीं चाहता प्रसिद्धि हो, नाम मेरा हर जुबान आये, नहीं चाहता जीवन में कोई अच्छा बड़ा उफान आये, इश्वर से दुआ मेरी बस इतनी सी ही है, एक कतरा लहू का मेरे बस देश के काम आये |

नहीं कोई देशभक्त बड़ा मैं, नहीं देश का लाल बड़ा, पर दिल में एक ज्वाला सी है, देश हित करूँ कुछ काम बड़ा, भारत माँ के चरणों में नत एक बात मन में आये, एक कतरा लहू का मेरे बस देश के काम आये |

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